बच्चों की कहानी-भेड़िया आया… भेड़िया आया…

हिन्दी कहानियाँ Hindi Story - Un pódcast de Rajesh Kumar

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भेड़िया आया… भेड़िया आया… एक बार एक लड़का था जिसके पिता ने एक दिन उससे कहा कि अब वह इतना बड़ा हो गया है कि भेड़ों की देखभाल कर सके।हर दिन वह भेड़ों को घास चरने के लिए ले जाता और उन पर निगरानी रखता। देखते ही देखते, भेड़ें बड़े हो गए और उनका ऊन भी घना हो गया था । परंतु वह लड़का दुखी था, वह इन उबाऊ भेड़ों पर नज़र नहीं रखना चाहता था, उसे भागना था, जी भर के खेलना था। इसलिए, उसने कुछ मज़ेदार करने का फैसला किया और एक दिन वह चिल्लाने लगा ‘भेड़िया! भेड़िया!’ इससे पहले कि भेड़िया किसी भेड़ को खा जाए, उसे भगाने के लिए पूरा गाँव पत्थरों के साथ दौड़ता हुआ वहाँ पहुँचा। जब उन्होंने देखा कि वहाँ कोई भेड़िया नहीं है, तब वे उसे डाँटते – फटकारते हुए वहाँ से निकल गए कि कैसे वह उनका समय बर्बाद कर रहा था और बिना वजह के डरा भी रहा था। अगले दिन, लड़का फिर चिल्लाया ‘भेड़िया! भेड़िया!!’ और गाँव वाले फिर से उस भेड़िये को भगाने के लिए दौड़ते हुए वहाँ पहुँचे। लड़का उसने पैदा किए दर पर हस रहा था और गाँव वाले वहाँ से निकल गए, और उनमें से कुछ औरों से ज़्यादा क्रोधित थे। तीसरे दिन, जब वह लड़का एक छोटी पहाड़ी पर गया, तो उसने अचानक एक भेड़िए को अपनी भेड़ों पर हमला करते देखा। वह जितना हो सके उतने ज़ोर से चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया!’ लेकिन इस बार कोई गाँव वाला उसके भेड़ों को बचाने नहीं आया क्योंकि उन्हें लगा कि वह फिर से मज़ाक कर रहा है।पहले बिना वजह सिर्फ ‘भेड़िया!’ चिल्लाने से, उस दिन उसने अपनी तीन भेड़ें खो दी। कहानी से मिली सीख- लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए कहानियाँ न बनाएं क्योंकि ऐसा करने से जब आपको वाकई में ज़रूरत होगी तब आपकी मदद करने के लिए कोई नहीं आएगा।