पटवों की हवेली का इतिहास || History Of Patwon Ki Haveli
हिन्दी कहानियाँ Hindi Story - Un pódcast de Rajesh Kumar
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Patwon Ki Haveli In Hindi : पटवों की हवेली राजस्थान के जैसलमेर में स्थित एक प्राचीन आवास संरचना है जिसको अक्सर ‘हवेली’ कहा जाता है। यह हवेली राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन और ऐतिहासिक स्थल है। पीले करामाती शेड में रंगीन, पटवों की हवेली इस शहर की यात्रा करने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद अकर्षित करती है। यह मनमोहक हवेली जैसलमेर का एक प्रभावशाली स्मारक है क्योंकि यह शहर के प्राचीन निर्माणों में से एक है। पटवों की हवेली पांच हवेलियों का समूह है जिसका निर्माण एक अमीर व्यापारी ‘पटवा’ द्वारा किया गया है, जिसकें अपने पांच बेटों में से प्रत्येक के लिए एक का निर्माण किया था। इस हवेली के पाँचों सदन 19 वीं शताब्दी में 60 वर्षों के अंदर पूरे हुए थे। अगर आप राजस्थान के प्रमुख पर्यटन स्थलों या जैसलमेर शहर की सैर करने जा रहे हैं तो इस आर्टिकल को जरुर पढ़ें, यहां हम आपको पटवों की हवेली के इतिहास, रोचक तथ्य, एंट्री फीस, टाइमिंग और कैसे पहुंचे के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। 1. पटवों की हवेली का इतिहास और रोचक तथ्य- Patwon Ki Haveli History And Interesting Facts In Hindi पटवों की हवेली पाँच हवेलियों से मिलकर बनी है जो इसके परिसर के भीतर है और यह जैसलमेर शहर में अपनी तरह की सबसे बड़ी हवेली है। पहली हवेली, जिसे कोठारी की पटवा हवेली के नाम से जाना जाता है, यह इन हवेलियों में से एक है। वर्ष 1805 में पहली हवेली का निर्माण गुमान चंद पटवा द्वारा किया गया था, जो एक प्रसिद्ध आभूषण और ब्रोकेस व्यापारी थे। यहां पर ब्रोकेड व्यापारिक प्रतिष्ठा के कारण पटवों की हवेली को अपने उत्कट व्यापारिक विशेषताओं की वजह से ‘हवेली ऑफ़ ब्रोकेड मर्चेंट्स’ भी कहा जाता था। स्थानीय लोग पटवों की हवेली के चांदी और सुनहरे धागे व्यापारियों के बार में बताते हैं, जिन्होंने उस जमाने में अफीम तस्करी करके बहुत पैसा कमाया था। इन हवेलियों के भीतर मेहराब और प्रवेश द्वार की अपनी अलग खासियत है जो उन्हें एक-दूसरे से अलग करती हैं, प्रत्येक में एक अलग शैली का मिरर वर्क और चित्रों का चित्रण है। हवेलियों के खंडों में से एक में मूरल वर्क बहुत ही अद्भुद तरीके से डिज़ाइन किया गया है, और इसके झरोखे, मेहराब, बालकनियों, प्रवेश द्वार और दीवारों पर भी जटिल नक्काशी और पेंटिंग हैं। पटवों के पांच भाइयों और उनके परिवारों के लिए एक अलग हवेली थी, जिनमे से सभी को एक अलग सुविधा मिलती थी। हवाली के परिसर में संग्रहालय है, जिसमें बीते युग की कलाकृतियों, चित्रों, कला और शिल्प का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलता है, जो समृद्ध जीवन शैली को प्रदर्शित करने के लिए हवेलियों के निवासियों का चित्रण करते हैं। यहां की सभी हवेलियों को 50 वर्षों के अंतराल में डिजाइन किया गया था जिसमें से पहली हवेली सबसे भव्य है जिसको बनाने में सबसे ज्यादा समय लगा था। पटवों की हवेली राजस्थान में निर्मित दूसरी सबसे लोकप्रिय हवेली और जैसलमेर शहर की सबसे लोकप्रिय हवेली है। पटवों की हवेली के खंभे और छत पर उस समय के विशेषज्ञों द्वारा की गई आकर्षक और जटिल नक्काशी है। इसके दरवाजे बारीक डिजाइनों से भरे हुए हैं जो वास्तुकला के शौकीनों को बेहद पसंद आते हैं। 2. पटवों की हवेली वास्तुकला- Patwon Ki Haveli Architecture In Hindi पटवों की हवेली की वास्तुकला की गहनता इस संरचना की उत्कृष्ट दीवार चित्रों, बालकनियों में है जो एक मनोरम दृश्य द्वार, मेहराब के लिए खुली हुई है। सबसे खास बात यह है कि इसकी दीवार पर दर्पण से वर्क किया गया है। अपने पिछले मालिकों के बाद इस हवेली को ‘ब्रोकेड मर्चेंट की हवेली’ के रूप में भी जाना जाता है, जो सोने के धागे के व्यापारी थे और एक अफीम व्यापारी थी, जो तस्करी के जरिये पैसा कमाते थे। इस हवेली के एक खंड को मुरल वर्क से डिजाइन किया गया है और प्रत्येक भाग दूसरे भाग से एक विशिष्ट शैली का चित्रण करते हुए अलग होता है। इसके अलावा यह हवेली बीते युग की समृद्ध संस्कृति का प्रतिनिधित्व भी करती है। यहां की पेंटिंग और कलाकृतियाँ इसके निवासियों की जीवन शैली का प्रदर्शन करती है। 60 से अधिक बालकनियों के साथ खंभे और छत को इस स्वर्ण वास्तुकला के जटिल डिजाइन और लघु कार्यों से उकेरा गया है। वीडियो के लिए क्लिक करें https://youtu.be/0muqWUgy_pU